जबसे बांके बिहारी हमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हमारे हुए
श्री बांके बिहारी जी के चमत्कार की कथा
!जय श्री राधे!
एक गाँव में एक सेठ रहता था, वह मिठाइयों की दुकान चलता था कुछ दिनों से उसे कुछ खास कमाई नहीं हो पा रही थीं, वह किसी के कहने पर वृन्दावन गया, और श्री बांके बिहारी जी के दर्सन करने मंदिर पहुँचा और जैसे ही वह बांके बिहारी जी को देखता है तो देखता ही रह जाता है, कुछ कह ही नहीं पता, क्योकि वह पहली बार बांके बिहारी जी को देख रहा था | थोड़ी देर बाद जब उसको समझ आया की उसने तो कुछ अरदास की ही नहीं है तो वह हाथ जोड़ कर अपनी साडी समस्या कह डाली |
और वह कुछ दिन वृंदावन में रुक के वापस चला गया, और कुछ दिनों में उसकी दुकान अचानक चलने लगी, अब वह हमेशा वृन्दावन जाने लगा और बांके बिहारी जी के दर्सन करता और जितना हो सकता बांके बिहारी जी की सेवा करता| धीरे धीरे दिन बीतते गए और वह बूढ़ा हो गया अब वह बीमार रहने लगा था और वृन्दावन भी नहीं जा पा रहा था, एक दिन उसे पता चला की कोई वृन्दावन जा रहा है तो वह उसके पास गया और कहा की भाई तुम वृन्दावन जा रहे हो तो मेरी भी अर्जी लगा देना और मेरे तरफ से बांके बिहारी जी की सेवा कर देना और उसने उसे कुछ रुपये दिये की बांके बिहारी जी को कपड़े पहनवा देना| वो इंसान वृंदावन चला गया और उसने बांके बिहरी जी के सेवा में कपड़े पहनवा दिए, बढ़िया नीले रंग के कपड़े, लेकिन कपड़ों में थोड़ा ज्यादा खर्च हो गये थे|
उसी रात बांके बिहरी जी उस सेठ के सपने में आये और बोले की तुम्हरी अर्जी मंजूर हो गई ये देखो मैंने नीले रंग के कपडे पहने है पर इन कपड़ों में कुछ पैसे ज्यादा लग गए है तू उसे वह पैसे लौटा देना | थोड़े दिन में वह आदमी वृन्दावन से वापस आया| तब सेठ उस आदमी के पास गया और बोला की लगा दी मेरी अर्जी तो उस आदमी ने कहा की लगा दी बढ़िया नीले रंग के कपड़े बांके बिहारी जी को पहनवा दिये तब सेठ के आंख में आँशु आ गए और वह अपने जेब से पैसे निकाल कर उस आदमी को दिए और कहा की तुम्हरे इतने रूपए ज्यादा लगे थे ये रख लो, वह आदमी कुछ समझ नहीं पाया की सेठ को कैसे पता चला की मेरे इतने पैसे ज्यादा लगे है, उसने पूछा की आपको कैसे पता की मेरे इतने पैसे ज्यादा लगे| तब सेठ ने सारी कहानी उसे सुनाई और दोनों की आँखों से आँशु बहने लगे|
इसीलिये कहते है की
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए हिंदी लिरिक्स
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे, किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए, जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही, मेरे प्यारे....
वो एक नज़र सी डाल के जादू सा कर गये,
नजरे मिला के मुझसे ना जाने किधर गये,
दुनिया से तो मिली थी मुझे हर कदम पे चोट,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये,
पर उनकी एक नज़र से मेरे जख्म भर गये,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
अब कही देखने की ना ख्वाइश रही,
जबसे वो मेरी, जबसे वो मेरी, नजरों के तारे हुए,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे, किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए,
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
यह दर्द भी दौलत है, यह दाग भी दौलत है,
जो कुछ भी यह दौलत है,
वो तेरी ही बदौलत है, प्यारे
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
दर्द ही अब हुमारी दवा बन गया,
गम जमाने के सारे, गम जमाने के सारे,किनारे हुए,
जबसे बांके बिहारी हमारे हुए