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ये कुछ बातें हैं जो बेकार है, लेकिन तुझे बतानी जरूरी है BY JAI OJHA

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है,  लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

आज मेरा दिल जख्मी है, लेकिन साँसों मे मगरूरी है

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है,  लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

एक इमोशन एक ब्रेकअप या कह सकते है कि किसी के टूटे हुए दिल की दास्ताँ 

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Name of Poetry:-   ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है
Name of Poet: Jai Ojha

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आज तूने नहीं पूछा हाल मेरा, आज तूने नहीं पूछा हाल मेरा

लेकिन तबियत मेरी अच्छी है , मुस्कान जरा सी झूठी है

लेकिन ये बाते बिल्कुल सच्ची है

आज तूने नहीं पूछा, फिर भी मैनें खाना खाया है

आज तूने नहीं पूछा फिर भी मैनें खाना खाया है

आज सुबह तेरा Call नहीं था, मेरी मां ने मुझे जगाया है

 आज सुबह तेरा Call नहीं था , मेरी मां ने मुझे जगाया है

शुक्रिया तेरा कि आज राजा बेटा हुआ हूं फिर से

इन BABU, JANU , SONA से दूरी है 

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है, लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

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आज बड़े दिनो बाद WHATSAPP पे, DP खुद की लगाई है

क्या बताऊँ तेरी सारी PHOTOS DELETE करके,

क्या गज़ब की नींद आई है

आज तेरे होने या होने का कोई असर नहीं होता है,

आज जा तू चौबीस घंटे ऑनलाइन रह ले ,

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है

अरे बहुत गुजारिश कर ली तुझसे ,

अरे बहुत गुजारिश कर ली तुझसे , अब सख्ती अपनी भी पूरी है

ये कुछ बाते हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

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कि आज तुझसे नहीं मिला मैं, मगर मुलाकात खुद से हो गई है

कि आज तुझसे नहीं मिला मैं, मगर मुलाकात खुद से हो गई है

तेरे बिना जी नहीं सकता , ये गलतफहमी दूर हो गई हैं

तेरे बिना जी नहीं सकता ये, गलतफहमी दूर हो गई हैं |

आज उन पुराने CONVERSATIONS को, मैंने फिर से नहीं टटोला है

आज उन पुराने CONVERSATIONS को, मैंने फिर से नहीं टटोला है।

अब तू ही पढ़ उनको , कि फक्र होगा तुझे कि तूने कितनी खूबसूरती से झूठ बोला है

अरे आज तन्हा हूं तो क्या हुआ , इस तन्हाई से यारी है

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

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हां PHONE से ले के ज़हन तक, हर जगह से तुझे निकाला है

हां PHONE से लेके ज़हन तक, हर जगह से तुझे निकाला है

रिहा सा हो गया हूं जब से, तेरा NUMBER DELETE कर डाला है,

मैं डरता था जिस कल से, उसे आंखों में आंखे डाल देख आया हूं

मैं डरता था जिस कल से, उसे आंखों में आंखे डाल देख आया हूं

तेरे दिये उन खतों को उन फूलो को, खुशबू समेत फेंक आया हूं

आज तो जैसे जीत गया हूं, वरना बता कि सच्चे आशिक ने,

कभी बाजी हारी है

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है, लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

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आज तेरे घर के आगे से नहीं निकला , लेकिन बहुत दूर तक जा पहुंचा हूं

फिरता था कभी गली-गली , अब आसमान में उड़ता हूं

फिरता था कभी गली-गली,  अब आसमान में उड़ता हूं |

मायूसी थी छायी जहां पर, आज वहां मुस्कान फिर से वहां पर लौट कर आयी है

मायूसी थी छायी जहां पर आज वहां मुस्कान फिर से वहां पर लौट कर आयी है

देख पलके भी कितनी खुश हैं, मुद्दतों बाद गालों से जो टकराई हैं,

देख आज मैं अकेला हूं और पूरा हूं , तू किसी के साथ होकर भी अधूरी हैं

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है

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आज उठा हूं बिस्तर से और , आईने में शक् खुद की देख डाली है ,

बाल बिखरें हैं दाढ़ी बड़ी है  और आंखे जरा सी काली हैं,

आज उठा हूं बिस्तर से और , आईने में शक् खुद की देख डाली है |

बाल बिखरें हैं दाढ़ी बड़ी है , और आंखे जरा सी काली हैं |

आज तो जैसे आंखों का पानी , खत् सा हो गया है |

टूट कर जो जुड़ा है दिल , नया जन् सा हो गया है।

आज तो जैसे आंखों का पानी , खत् सा हो गया है |

टूट कर जो जुड़ा है दिल, नया जन् सा हो गया है।

आज सूफियत हैं रुख पे, आंखों में अजब सी नूरी हैं |

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है.!

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