वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी Lyrics- Lyricsgana
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी | Jagjit Singh| Hindi Lyrics
Woh Kagaz Ki Kashti Woh Barish Ka Pani Credits:
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी Lyrics in Hindi
Male...
ये दौलत भी ले लो
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
Female...
ये दौलत भी ले लो
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
Both...
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो बारिश का पानी
Male...
मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों मे पारियों का डेरा
वो चेहरा की झुर्रियों मे सदियों का फ़ेरा
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें
वो लंबी कहानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों मे पारियों का डेरा
वो चेहरा की झुर्रियों मे सदियों का फ़ेरा
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें
वो लंबी कहानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
Female...
कड़ी धूप मे अपने घर से निकालना
वो चिड़िया, वो बुलबुल, वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी पे लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना, वो गिर के संभालना
वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो चिड़िया, वो बुलबुल, वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी पे लड़ना झगड़ना
वो झूलों से गिरना, वो गिर के संभालना
वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
Male...
कभी रेत के ऊंचे टीलों पे जाना
घरोंदे बनाना, बना के मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी
न दुनिया का गम था, न रिश्तों के बंधन
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
घरोंदे बनाना, बना के मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी
न दुनिया का गम था, न रिश्तों के बंधन
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िंदगानी
Both...
ये दौलत भी ले लो
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी
वो बारिश का पानी
वो कागज़ की कश्ती
वो बारिश का पानी... ।
वो बारिश का पानी... ।
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