फिर कितना भी हो वक़्त बुरा वो लम्हा भी कट जायेगा -Shubham Shyam
Woh Lamha Bhi Kat Jayega Lyrics - Shubham Shyam
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा वो लम्हा भी कट जायेगा Lyrics in Hindi
खुशियों का पल कभी रुका नहीं
न गम का बादल ठहरा है
न गम का बादल ठहरा है
मानव के मन के भाओ पर अटल समय का पहरा है
24 घंटे का दिन होगा
और इसी रीती को चलना है
24 घंटे का दिन होगा
और इसी रीती को चलना है
सुबहः सूरज को उगना है और शाम को जाकर ढलना है
फिर रात चंदनी होगी
या फिर रात का घना अँधेरा होगा
या फिर रात का घना अँधेरा होगा
फिर रात चंदनी होगी
या फिर रात का घना अँधेरा होगा
या फिर रात का घना अँधेरा होगा
तुम्हे महज हौसला रखना है
फिर धरा पर नया सवेरा होगा
फिर धरा पर नया सवेरा होगा
माना की मन के घावों पर अभी घना अँधेरा छाया है
माना की उम्मीदों के दर से तुमने ठोकर खाया है
माना की उम्मीदों के दर से तुमने ठोकर खाया है
जीवन के संघर्षो में माना सपने गिर कर टूट गए
अपने भी अपने होकर भी मुश्किल समय में रूठ गए
अपने भी अपने होकर भी मुश्किल समय में रूठ गए
पर मन होगा मजबूत जीवन के जंग में गर डट जायेगा
पर मन होगा मजबूत जीवन के जंग में गर डट जायेगा
पर मन होगा मजबूत जीवन के जंग में गर डट जायेगा
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा
वो लम्हा भी कट जायेगा
वो लम्हा भी कट जायेगा
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा
वो लम्हा भी कट जायेगा
वो लम्हा भी कट जायेगा
तुम पिता के आँख तारे हो तुम्हे इतना याद रहे
माता राज दुलारे हो इतना तुमको याद रहे
माता राज दुलारे हो इतना तुमको याद रहे
गर तुमको कुछ हो जायेगा वो जीते जी मर जायेंगे
गर तुमको कुछ हो जायेगा वो जीते जी मर जायेंगे
गर तुमको कुछ हो जायेगा वो जीते जी मर जायेंगे
सब कुछ देकर पला है और क्या परिणाम वो पाएंगे
जब भी कमजोरी हावी हो माँ की ममता को याद करो
जब भी कमजोरी हावी हो माँ की ममता को याद करो
जब भी कमजोरी हावी हो माँ की ममता को याद करो
माँ का मुखड़ा याद आते ही गम का बादल छट जायेगा
माँ का मुखड़ा याद आते ही गम का बादल छट जायेगा
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा वो लम्हा भी कट जाएगा
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा वो लम्हा भी कट जाएगा
फिर कितना भी हो वक़्त बुरा वो लम्हा भी कट जाएगा
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