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नारायण मिल जाएगा (Lyrics) | Jubin Nautiyal | Payal Dev | Manoj Muntashir Shukla


"बहुत मशरूफ हो तुम घर, दफ्तर, कारोबार 

और सब से फुर्सत मिली तो दोस्त यार 

जिन्दगी पहियों पर भाग रही थी, 

ठहर के ये सोचना मुश्किल था, 

कि माँ रोज तुम्हरे इंतजार में जग रही थी, 

जब वो तुमसे कुछ कहना चाहती थी, 

तब तुम अपनी ही दुनिया में कही गम थे, 

माँ की आखिरी ख्वाइस तो पता नहीं मेरे दोस्त 

पर माँ की आखिरी उम्मीद तुम थे |"

-------Manoj Muntashir Shukla


Audio Credits:
Singer - Jubin Nautiyal
Music - Payal Dev
Lyrics - Manoj Muntashir 
Music Production & Additional vocals - Aditya Dev
Mix & Master - ADM Studioz
Music Label - T-Series

Gulshan Kumar & T-Series Presents
Bhushan Kumar's "Narayan Mil Jayega"

नारायण मिल जाएगा (Lyrics) | Jubin Nautiyal | Payal Dev | Manoj Muntashir Shukla

Narayan Mil Jayega


 प्रेम प्रभु का बरस रहा है,

पीले अमृत पियासे,

सातों तीरथ तेरे अंदर,

बहार किसे तलाशे,


कण कण में हरि,

शान शान में हरि,

मुस्कानो में असुवन में हरि,

मन की आँखें तूने खोली,

तो ही दर्शन पायेगा,


पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,

पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,


नियति भेद नहीं करती जो लेती है वो देती है,

जो बोयेगा वो काटेगा ये जग कर्मो की खेती है,

नियति भेद नहीं करती जो लेती है वो देती है,

जो बोयेगा वो काटेगा ये जग कर्मो की खेती है,


यदि करम तेरा पावन है सभी,

डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी,

तेरी बांह पकड़ने को,

भेस बदल के आएगा,


पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,

पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,


नेकी व्यर्थ नहीं जाती हरि लेखा जोखा रखते हैं,

औरों को फूल दिए जिसने उसके भी हाथ महकते हैं,

नेकी व्यर्थ नहीं जाती हरि लेखा जोखा रखते हैं,

औरों को फूल दिए जिसने उसके भी हाथ महकते हैं,


कोई दीप मिले तो बाती बन्न, तू भी तो किसी का साथी बन्न,

मन को मानसरोवर करले तो ही मोती पायेगा,


पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,

पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,


कान लगा के बातें सुन ले सूखे हुए दरख्तों की,

लेता है भगवान परीक्षा सबसे प्यारे भक्तों की,

एक प्रश्न है गहरा जिसकी हरि को थाह लगानी है,

तेरी श्रद्धा सोना है या बस सोने का पानी है,


जो फूल धरे हर डाली पर विश्वास तो रख उस माली पर,

तेरे भाग में पत्थर है तो पत्थर भी खिल जाएगा,


पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,

पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा,

पता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा।


"हमने बहुत करीब से देखा है  जिंदगी को,

उतना ही पास रह गया जो दे दिया किसी को "

Manoj Muntashir Shukla



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