ब्लॉग पोस्ट विवरण (Introduction)
।। जय श्री राम ।।
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस की हर चौपाई अपने आप में एक मंत्र है। जब इन चौपाइयों के साथ प्रभु श्री राम के नाम का संकीर्तन जुड़ जाता है, तो वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
नीचे दी गई चौपाइयाँ "सिद्ध चौपाइयाँ" कहलाती हैं। इनका नियमित पाठ करने से मन को शांति, संकटों से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
आप भी प्रेम से गाएं...
1. मंगलाचरण (शुभ शुरुआत)
हर शुभ कार्य से पहले प्रभु का स्मरण:
🚩 मंगल भवन अमंगल हारी ।
द्रवहु सुदशरथ अजिर बिहारी ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🚩 हरि अनंत हरि कथा अनंता ।
कहहिं सुनहिं बहुविधि सब संता ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🚩 रघुकुल रीत सदा चली आई ।
प्राण जाई पर वचन न जाई ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🚩 होइहि वही जो राम रचि राखा ।
को करि तर्क बढ़ावहि साखा ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
2. गुरु वंदना (गुरु महिमा)
गुरु के चरणों में वंदन, जिनसे ज्ञान का प्रकाश मिलता है:
🙏 बंदउँ गुरु पद पदुम परागा ।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🙏 अमिय मूरिमय चूरन चारू ।
समन सकल भव रुज परिवारू ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🙏 श्री गुरु पद नख मनि गन जोती ।
सुमिरत दिव्य दृष्टि हियँ होती ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🙏 दलन मोह तम सो सप्रकासू ।
बड़े भाग उर आवइ जासू ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🙏 उघरहिं विमल विलोचन ही के ।
मिटहिं दोष दुख भव रजनी के ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
3. संकट मोचन और भक्ति (Bhakti & Protection)
जीवन के संकटों को हरने वाली प्रार्थना:
✨ दीन दयाल विरदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
✨ सीता राम चरन रति मोरे ।
अनुदिन बढ़उँ अनुग्रह तोरे ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
✨ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।
जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
✨ मंगल मूरति मारुति नंदन ।
सकल अमंगल मूल निकंदन ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
4. जीवन का सार (Life Lessons)
जीवन जीने की सही राह:
📜 बिनु सत्संग विवेक न होई ।
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
📜 उमा कहउँ मैं अनुभव अपना ।
सत हरि भजन जगत सब सपना ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
📜 हरि व्यापक सर्वत्र समाना ।
प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
📜 देह धरे कर यह फल भाई ।
भजिअ राम सब काम बिहाई ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
📜 परहित सरिस धर्म नहिं भाई ।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
📜 जहँ सुमति तहँ संपति नाना ।
जहँ कुमति तहँ बिपति निदाना ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
5. सुंदरकांड: श्री राम का क्रोध
जब समुद्र ने रास्ता नहीं दिया, तब प्रभु का पराक्रम:
🌊 अस कहि रघुपति चाप चढ़ावा ।
यह मत लछिमन के मन भावा ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🌊 संधानेउ प्रभु बिसिख कराला ।
उठी उदधि उर अंतर ज्वाला ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🌊 सठ सन विनय कुटिल सन प्रीती ।
सहज कृपन सन सुंदर नीती ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🌊 सब सिंधु गहि पद प्रभु केरे ।
क्षमहु नाथ सब अवगुन मेरे ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
6. सुंदरकांड: हनुमान जी का लंका प्रस्थान
हनुमान जी की शक्ति और समर्पण:
🔥 जामवंत के बचन सुहाए ।
सुनि हनुमंत हृदय अति भाए ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🔥 यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा ।
चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🔥 सिंधु तीर एक भूधर सुंदर ।
कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🔥 बार बार रघुबीर सँभारी ।
तरकेउ पवनतनय बल भारी ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
🔥 राम काजु करि फिरि मैं आवउँ ।
सीता कइ सुधि प्रभुहि सुनावउँ ॥
🎶 राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ।
निष्कर्ष (Conclusion)
रामायण की ये चौपाइयाँ हमें शक्ति देती हैं कि हम जीवन की हर कठिनाई का सामना धैर्य और धर्म के साथ कर सकें।
जय सिया राम!
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