हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
माना कि है अंधेर बहुत, और चारों ओर नाकामी है |
माना कि थक के टूट रहे, और सफर अभी दुरगामी है ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
जीवन की आपाधापी में,जीने का ठिकाना छूट गया |
माना कि थक गए सपनों की, नींदों में आना छूट गया ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
माना कि हिम्मत टूट गई, आंखों में निराशा छायी है |
माना कि चांद पे ग्रहण है, और रात भी गहराई है ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
पर कृष्ण ने साफ कहा है, कि बस कर्म तुम्हारा कल होगा
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
और कर्म में अगर सच्चाई है, तो कर्म कहां निष्फल होगा |
हर एक संकट का हल होगा आज नहीं तो कल होगा ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
लोहा जितना तपता है, उतनी ही ताकत भरता है |
सोने को जितनी आग लगे, वो उतना प्रखर निकलता है ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
हीरे पर जितनी धार लगे वो, उतना खूब चमकता है |
मिट्टी का बर्तन पकता है,तब धुन पर खूब खनकता है ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
सूरज जैसा बनना है तो, सूरज इतना जलना होगा |
नदियों सा आदर पाना है, तो पर्वत छोर निकलना होगा ||
हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
और हम आदम के बेटे हैं, क्यों सोचे राह सरल होगा |
कुछ ज्यादा वक्त लगेगा, पर संघर्ष जरुर सफल होगा ||
हर एक संकट का हल होगा वो आज नहीं तो कल होगा..
By Shubham Shayam