पगला सोच रहा, ये लाज का मारा सोच रहा लिरिक्स इन हिन्दी
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निर्माता: | रामानंद सागर/सुभाष सागर/प्रेण सागर |
निर्देशक: | रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर |
मुख्य सहायक निर्देशक: | योगी योगिन्दर |
सहायक निर्देशक: | राजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर |
पटकथा और संवाद: | रामानंद सागर |
कैमरा: | अविनाश सतोस्कर |
संगीत: | रवींद्र जैन |
गीतकार: | रवींद्र जैन |
पार्श्व गायक: | सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील |
संपादक: | गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव |
पगला सोच रहा, ये लाज का मारा सोच रहा Lyrics in Hindi
त्रिभुवन की जहाँ सम्पदा,अन्न धन के भण्डार
त्रिभुवन की जहाँ सम्पदा,अन्न धन के भण्डार
नारायण का वास जहाँ, जहाँ लक्ष्मी का धाम
वहाँ सुदामा दीन के तंदुल का क्या काम
पगला सोच रहा, ये लाज का मारा सोच रहा
क्या सोचेंगी रानियाँ, क्या बोलेंगे दास
क्या सोचेंगी रानियाँ, क्या बोलेंगे दास
सहना होगा दीन को किस किस उपहास
पगला सोच रहा, ये लाज का मारा सोच रहा
सिरहाने धर पोटली, चावल रहा छुपाय
सिरहाने धर पोटली, चावल रहा छुपाय
त्रिभुवन पति को भेट ये देने में सकुचाय
आ गए श्याम शाखा इतने में आ गए श्याम शाखा
कहती थी मांगे बिना घर भर नाथ Lyrics in Hindi
कहती थी मांगे बिना घर भर नाथ
कहती थी मांगे बिना घर भर नाथ
धोखा हुआ वसुंधरा बेचारी के साथ
धोखा हुआ वसुंधरा बेचारी के साथ
पगला सोच रहा क्या पाया
पगला सोच रहा क्यों आया
पगला सोच रहा
आया खली हाँथ और भेजा खाली हाथ
आया खली हाँथ और भेजा खाली हाथ
कैसे दीनदयाल है, कैसे दीनानाथ
पगला सोच रहा क्या पाया
पगला सोच रहा क्यों आया
पगला सोच रहा
***********जय श्री राधे***********